COVID-19 Orders
यद्पि ई-शासन एप्लीकेशन होस्टिंग के लिए महत्वपूर्ण और बुनियादी संसाधन पहले से ही बनाया जा चुका है, लेकिन नागरिकों को बेहतर, तेज और निर्बाधित सेवाएं प्रदान करने के लिए और पर्यावरण से सम्बंधित मुद्दों को ध्यान में रखते हुए, नयी और उभरती प्रौद्योगिकियों को अपनाने की आवश्यकता है, जैसेकि:
अब एकीकृत आईटी अवसंरचना प्रबंधन और नई प्रौद्योगिकियों को अपनाने का युग शुरू हो चुका है विभागों की विभिन्न परियोजनाओं के तहत संसाधनो की बढ़ती मांग को देखते हुए डेटा सेंटर के अवसंरचनात्मक ढांचे व संसाधनो को स्थान की उपलब्धता, शीतलनता और अन्य प्रबंधन की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए उच्च स्तरिय सर्वर के साथ उन्नत करने की आवश्यकता होगी।
प्रौद्योगिकी की सबसे अच्छी तकनीक के साथ अद्यतन रहने के लिए आईटी रणनीतियों का विकास, स्वचालित सूचना प्रौद्योगिकी पर जोर, परिवर्तन और परियोजना प्रबंधन और प्रक्रियाओं, मानकों, नीतियों के निरंतर सुधार पर ध्यान देना है ताकि लागत प्रभावशीलता, बेहतर प्रबंधन और दक्षता लाई जा सके।
सामान्यता विशेष ध्यान उन क्रियाओ और तकनीको पर होना चाहिए जोकि अपनाने में आसान हो, एक निरंतर आधार पर इस्तेमाल की जा सके और प्रभावी मूल्य प्रदान करे। योजनाओं के साथ भविष्य की पर्याप्त आवश्यकताओं को ध्यान में रखना और बदलती तकनीकी के लिए रणनीति निर्धारित करना इस बात का निर्धारण करता है कि दिया गया समाधान कितना स्थिर है, कम जटिल है और प्रबंधन के बोझ को किस स्तर तक सह सकता है।
उपर्युक्त आवश्यकता के विश्लेषण के आधार पर निम्न को लागू किया जाना आवश्यक हैं:
DietY, भारत सरकार द्वारा डाटा सेंटर में क्लाउड लागू करने के लिए 1.5 करोड़ रुपए की राशि प्रदान की गई है, जिसके लिए टेंडर जारी किये जा चुके है और तकनीकी बोली पर कार्य किया जा रहा है।
डीआर साइट
सभी डेटा सेंटर के लिए एक डीआर साइट होना आवश्यक है. डिजास्टर प्राकृतिक आपदा, नेटवर्क विफलता, ग्रिड / एकाधिक ग्रिड विफलता और हार्डवेयर और सैन विफलता आदि के कारण हो सकती है। सभी मामलों में सेवाओ को पुनः प्राप्त करने के लिए सेवाएं आपदा प्रबंधन प्लान (सीएमपी), कारोबार निरंतरता योजना (बीसीपी), रिकवरी प्वाइंट उद्देश्य (आरपीओ) और रिकवरी टाईम उद्देश्य (आरटीओ) को अच्छी तरह से पूर्व में ही परिभाषित किया जाना चाहिए।
डी आर के लिए कई प्रधालियाँ हैं जैसे सिंक्रोनस, एसिंक्रोनोस और संकरित (हाइब्रिड) इनमें सबसे लोकप्रिय है। लेकिन यह सभी विचाराधीन एप्लिकेशन की महत्वता पर निर्भर करता है।
राष्ट्रीय डाटा केंद्र, शास्त्री पार्क, नई दिल्ली RSDC के लिए आपदा रिकवरी (डीआर) साइट के रूप में निर्धारित किया गया है। DietY, भारत सरकार द्वारा डेटा रिप्लिकेशन हार्डवेयर प्रदान किया जा चुका है। डी आर कार्यान्वयन एम / एस एचसीएल कॉम नेट द्वारा किया जाएगा.
दोहरे स्रोत से रॉ पावर की आपूर्ति
डाटा सेंटर में हर समय बिजली की उपलब्धता के लिए यह आवशयक है कि रॉ पावर दो अलग ग्रिड से डाटा सेंटर के लिए प्रदान की जानी चाहिए लेकिन यदि यह संभव नहीं है तो कम से कम यह दो बिजली घरों से प्रदान होनी चाहिए।
सर्वर का रैक माउंट से ब्लेड सर्वर मे उन्नयन
चूकि नए एसडीसी में रैक स्पेस की उपलब्धता कम है, अतः सभी परियोजना OICs को प्रोजेक्ट्स में नए सवर्स के लिए रैक mountable सर्वर के स्थान पर ब्लेड सर्वर को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और RSDC में उपलब्ध मौजूदा सर्वर का भी ब्लेड सर्वर मे उन्नत किया जाना चाहिए।
सर्वर फार्म में इलेक्ट्रिक पावर सॉकेट पुनर्गठन
रैक mountable सर्वर से ब्लेड सर्वर में उपग्रडेशन होने के कारण रैक पावर सप्लाई सॉकेट भी 5 amp से 16 amp में बदले जाने चाहिए।
आईपीवी - 6 प्रव्रजन
RSDC में सभी उपकरणों IPv6 के तुल्य है। आईपीवी 6 प्रव्रजन रोड मैप का कार्य प्रगति पर है और जैसे ही एनआईसी और अन्य आईएसपी IPv6 पर स्थानांतरित होते हैं डाटा सेंटर के उपकरणों को भी IPv6 के साथ कॉन्फ़िगर किया जाएगा।